किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नई योजना लाने पर सरकार कर रही विचार



  • नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी  के बीच लॉकडाउन  के तीसरे चरण के ऐलान के बाद शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में रिफॉर्म  को लेकर ​चर्चा किया। इस चर्चा में एग्रीकल्चर मार्केटिंग, किसानों को संस्थागत कर्ज और कानूनी प्रावधानों के सहारे अन्य प्रतिबंधों को हटाने पर बात हुई। भारत की कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में कृषि क्षेत्र में 15 फीसदी की हिस्सेदारी है और देश की आधा आबादी की जीविका का जरिया है।
    लॉकडाउन के दौरान सरकार ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि फार्म सेक्टर चलता रहे। चालू वित्त वर्ष में इसपर कोरोना वायरस का ​अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, जैस कि अन्य सेक्टर्स में देखने को मिल सकता है।

  • फसलों की मार्केटिंग रणनीति बदलने पर विचार
    एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि फसलों में बायो-टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान और उत्पादकता बढ़ाने और इनपुट कॉस्ट को कम करने पर भी विचार किया गया है। इस बैठक में मौजूदा मार्केटिंग में रणनीतिक इकोसिस्टम के साथ-साथ कृषि क्षेत्र की त्वरित विकास के लिए उचित रिफॉर्म्स पर भी चर्चा की गई।

  • बयान में कहा गया कि एग्रीकल्च इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत विशेष किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि उत्पादों को अंर्तराज्यीय आवाजाही को बेहतर करने पर भी चर्चा की गई।

  •  eNAM यानी नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट को 'प्लेटफॉर्म आफ प्लेटफॉर्म्स' में बदलने पर भी विचार किया गया।

  • पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए इस बैठक में यूनिफॉर्म स्टैट्यूटरी फ्रेमवर्क तैयार करने पर भी विचार किया गया ताकि किसानी के लिए नए तरीके तलाशने के लिए पूंजी और टेक्नोलॉजी की पर्याप्त व्यवस्था हो सके।

  •  इसमें मॉडल एग्रीकल्चर लैंड लीजिंग एक्ट, 2016 में चुनौतियों और छोटे किसानों के हितों की रक्षा को लेकर भी चर्चा हुई।

  •  उत्पादन के बाद जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बड़े स्तर पर लाने के बारे में भी विचार किया गया है। इसमें यह भी बात हुई कि कमोडिटी डेरिवेटिव मार्केट के साकारात्म प्रभाव के बारे में भी चर्चा हुई।

  • कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अति आवश्यक है। किसानों के फायदे के लिए पूरे वैल्यू चेन को अनलॉक करने में मदद मिल सकेगी।

  • पीएम मोदी ने जोर दिया कि अंतिम कदम तक टेक्नोलॉजी पर जोर दिया और ग्लोबल वैल्यू चेन में किसानों को अधिक प्रति​स्पर्धी बनाया जाए। इस बैठक में फैसला लिया गया कि एफपीओ को और मजबूत किया जाए ताकि कृषि अर्थव्यवस्था को रफ्तार दिया जा सके और एग्रीकल्चर ट्रेड पर पारदर्शिता लाई जा सके। इससे किसानों को अधिक से अधिक फायदा मिल सकेगा।