मध्यप्रदेश के किसानों को इसबार फसल बीमा की राशि का पूरा फायदा मिलेगा, 15 लाख किसानों को मिलेगा फायदा


शिवराज सरकार अगले सप्ताह 15 लाख किसानों के खातों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 2990 करोड़ रुपये का जमा कर देगी। यह पहला मौका होगा, जब किसानों को फसल बीमा का सीधा लाभ मिलेगा। दरअसल, अभी तक किसानों को जब भी फसल बीमा की राशि मिलती थी तो सहकारी समितियों द्वारा दिए अल्पावधि ऋण की अदायगी में उसे समायोजित कर लिया जाता है, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। कमल नाथ सरकार 21 लाख किसानों को कर्जमाफी दे चुकी है।
इनके ऊपर अब कोई कर्ज बकाया नहीं है। उधर, सरकार कर्ज अदायगी की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 मई कर चुकी है, इसलिए राशि किसानों के खाते में ही रहेगी। हर साल करीब 33 लाख किसान फसल बीमा कराते हैं। इनमें से 30 लाख से ज्यादा किसान बैंकों से कर्ज लेते हैं।
प्रदेश में सहकारी बैंकों के माध्यम से सवा चार हजार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां पात्र सदस्यों को रबी और खरीफ फसल सीजन के लिए कर्ज देती हैं। इसमें 65 प्रतिशत हिस्सा नकद राशि और बाकी सामग्री (खाद-बीज) के रूप में दिया जाता है।


किसान जो कर्ज लेते हैं, उसकी सुरक्षित वापसी के लिए बैंकों की ओर से किसानों का फसल बीमा कराया जाता है। बीमा कंपनियों को प्रीमियम की राशि सीधे उनके खातों से काटकर जमा कर दी जाती है। जब भी फसल प्राकृतिक कारणों से खराब होती है और फसल बीमा के दावे बनते हैं तो उसमें मिलने वाली राशि पर पहला हक बैंकों का होता है। बैंक अपना कर्ज इस राशि में समायोजित करके शेष राशि किसानों को खाते में उपलब्ध करा देते हैं।
गैर ऋण किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कराने के लिए प्रेरित करने को लेकर कृषि विभाग ने काफी मुहिम चलाई थी। प्रमुख सचिव अजीत केसरी का कहना है कि 33 लाख किसान फसल बीमा कराते हैं। इसमें करीब तीन लाख गैर ऋण किसान होते हैं। सामान्यतः बैंक फसल बीमा की राशि में से कर्ज समायोजित करते हैं, लेकिन इस बार परिस्थिति अलग है। कुछ किसान तो नया कर्ज लेने की पात्रता बनाए रखने के लिए कर्ज अदायगी समय पर कर देते हैं। इन्हें फसल बीमा का सीधा लाभ होगा।वहीं, जय किसान फसल ऋण मुक्ति योजना के माध्यम से जिन किसानों को कर्जमाफी मिल चुकी है, उन्हें भी प्रत्यक्ष तौर पर फायदा होगा।